अब सोलर पैनल लगाकर किसान भी कमा सकते हैं और भी ज्यादा पैसे
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ देश की ज्यादातर आबादी कृषि पर निर्भर है एडवांस इक्विपमेंट के उपयोग के माध्यम से खेती के तरीकों को मॉडर्न बनाने की डायरेक्शन में एक ज़रूरी बदलाव देख रहा है। सोलर एनर्जी का उपयोग करके किसान अपनी एग्रीकल्चर मशीनरी और इक्विपमेंट को पावर दे सकते हैं जिससे ज्यादा एफ्फिसिएंट और सस्टेनेबल खेती हो सकती है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे देश के किसान अपनी खेती की ज़मीन से दोगुनी कमाई कर सकते हैं सोलर एनर्जी की मदद से सोलर पैनल लगाकर।
इसके लिए किसानो को अपने खेतों में सोलर पैनल इंस्टॉल करना होगा जो न केवल बिजली प्रदान करता है बल्कि फसलों को छाया में उगाने की अनुमति भी देता है, जिससे उपज बढ़ सकती है। किसान इन सोलर पैनलों से जनरेट की गई एक्स्ट्रा बिजली को पावर ग्रिड (DISCOM) को बेच सकते हैं जिससे उन्हें इनकम का एक एडिशनल सोर्स मिलता है। सरकार सोलर पैनलों की इंस्टालेशन के लिए सब्सिडी देकर इस ट्रांजीशन को सपोर्ट करती है जिससे यह किसानों के लिए ज्यादा किफायती हो जाता है।
पीएम कुसुम योजना क्या है ?
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना एक केंद्र सरकार की पहल है। इसका उद्देश्य कृषि में सोलर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है जिससे फॉसिल फ्यूल पर उनकी निर्भरता कम होती है और इरीगेशन कॉस्ट कम होती है।
इस योजना के तहत किसान 2 HP से लेकर 5 HP तक के सोलर पंपों की इंस्टालेशन पर 90% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। किसान सोलर पैनल लगाने के लिए अपनी ज़मीन लीज पर दे सकते हैं, छाया में अपनी फ़सल उगा सकते हैं और उससे किराया कमा सकते हैं और एक्स्ट्रा बिजली बेच सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें दोनों फाइनेंसियल असिस्टेंस ऑफर करती हैं जिससे किसानों के लिए कम कॉस्ट पर सोलर एनर्जी की टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करना आसान हो जाता है।
सोलर एनर्जी से सिंचाई करना
सिंचाई खेती का एक ज़रूरी हिस्सा है जो अक्सर डीजल से चलने वाले पंपों पर निर्भर होती है। यह महंगे होते हैं और प्रदूषण भी करते हैं। पीएम कुसुम योजना सोलर एनर्जी से चलने वाले पंपों को बढ़ावा देकर इस इशू को अड्रेस करती है जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद हैं। सोलर पंप डीजल पंपों की तुलना में एमिशन में काफी कमी लाते हैं। एनर्जी की लागत में कमी से किसानों पर वित्तीय बोझ भी कम होता है। इस योजना का उद्देश्य देश भर के 3.6 मिलियन किसानों को लाभ पहुँचाना है।
सोलर प्लांट इंस्टालेशन से कमाएं एडिशनल इनकम
किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पीएम कुसुम योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं। सोलर प्लांट इंस्टालेशन के लिए अपनी ज़मीन को लीज पर देकर किसान स्टेबल एनर्जी प्रोडक्शन में योगदान करते हुए एक स्टेबल इनकम जनरेट कर सकते हैं।
कैसे करें इस प्रोसेस को शुरू ?
किसानों को इस योजना के लिए अप्लाई करने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट सबमिट करने होंगे। इसके लिए DISCOM-रेजिस्टर्ड वेंडर से ही सोलर इक्विपमेंट खरीदें। इंस्टालेशन से पहले एक फेसबले टेस्टिंग की जाएगी और बिजली उत्पादन और उपयोग को ट्रैक करने के लिए एक नेट मीटर सेटअप किया जाता है।
सोलर प्लांट प्रदूषण मुक्त एनर्जी प्रदान करते हैं और कार्बन फुटप्रिंट को कम करते हैं और फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करते हैं। यह ट्रांसफॉर्मेशन न केवल बिजली के बिलों में कटौती करता है बल्कि कृषि प्रोफिटेबिलिटी को भी बढ़ाता है। सोलर टेक्नोलॉजी को अपनाकर किसान ज्यादा फाइनेंसियल स्टेबिलिटी प्राप्त कर सकते हैं और पर्यावरण को बचाने में भी अपना योगदान दे सकते हैं।
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