बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट
बिहार में एक नए फ्लोटिंग सोलर प्लांट का उद्घाटन किया गया है जो राज्य में अपनी तरह का पहला प्लांट है जो 4 एकड़ क्षेत्र में फैला है। सोलर एनर्जी से जनरेट की गयी प्लांट की कैपेसिटी 1.6 मेगावाट है। यहां प्रोडूस की गयी पावर ने पहले ही बिजली की सप्लाई शुरू कर दी है जिससे बिहार के एनर्जी क्राइसिस को कम करने में मदद मिलेगी।
बिहार में एक इनोवेटिव इनिशिएटिव बिजली और मछली का एक साथ प्रोडक्शन की जाएगा। यह असामान्य लग सकता है लेकिन यह बिहार की एक बढ़िया योजना का परिणाम है। बिहार सरकार ने सोलर एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट दरभंगा में तालाबों के ऊपर स्थापित किया गया है। यह प्लांट 1.6 मेगावाट बिजली पैदा करने में सक्षम है।
यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को हकीकत में बदल रहा है और बिहार के डेवलपमेंट में काफी इम्पोर्टेन्ट योगदान दे रहा है। इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा पहलू यह है कि यह फिश फार्मिंग को सोलर एनर्जी के प्रोडक्शन के साथ जोड़ती है। फ्लोटिंग सोलर प्लांट का कंस्ट्रक्शन कादिराबाद स्थित तालाब के किनारे किया गया है। यह परियोजना न केवल बिजली का प्रोडक्शन करती है बल्कि फिश फार्मिंग को भी प्रोत्साहित करती है जिससे लोएसाल इकॉनमी भी डेवेलप होगी।
बिहार में इस नए प्रोजेक्ट का उद्देश्य
दरभंगा बिहार के लिए एक नई पहचान लेकर उभरा है फ्लोटिंग सोलर प्लांट। 4 एकड़ में फैली यह बिहार में शुरू की गई पहली ऐसा प्रोजेक्ट है। बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (BREDA) ने इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया। इस इनिशिएटिव के लिए BREDA और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (नॉर्थ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन) ने अवाडा नाम की कंपनी के साथ 25 साल का एग्रीमेंट किया है।
यह प्लांट पहले से ही 1.6 मेगावाट की कैपेसिटी से बिजली की सुपली कर रहा है। यह प्रोजेक्ट न केवल एनर्जी इंडिपेंडेंस को बढ़ावा देती है बल्कि लोकल इकनोमिक डेवलपमेंट को भी प्रोत्साहित करती है। तालाब पर सोलर प्लांट लगाकर बिहार ने रिन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में एक ज़रूरी कदम उठाया है।
बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
बिहार में पहला फ्लोटिंग हुआ सोलर पावर प्लांट। कुल लगभग ₹8 करोड़ की कॉस्ट वाले इस प्लांट का उद्घाटन 30 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इस अहम मौके पर उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी मौजूद रहे।
प्लांट की कैपेसिटी 1.6 मेगावाट है जो लगातार बिजली का प्रोडक्शन करता है। वरीय अभियंता चंदन सिंह ने बताया कि मछली पालन के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है और प्रोसेस जारी है। गर्मियों के दौरान यह प्लांट मैक्सिमम पावर जनरेट करता है और सर्दियों के महीनों में प्रोडक्शन थोड़ा कम हो जाता है।
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