1-टन A/C को चलने के लिए कितनी सोलर प्लाट लगेंगी, जानिए पूरा खर्च

1-टन के AC को चलाने में कितना खर्चा आता है, जानिए

बिजली के बिल लगातार बढ़ डिमांड के कारण कई लोग अपने घरों में सोलर पैनल लगवाना पसंद कर रहे हैं। इससे न सिर्फ़ उन्हें बार-बार बिजली कटौती से बचने में मदद मिलती है बल्कि वे ज़्यादा बिजली बिल की चिंता किए बिना गर्मी के महीनों में भी एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का ज़्यादा आराम से इस्तेमाल कर पाते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे एक 1.5 टन के एयर कंडीशनर को चलाने के लिए कितने सोलर पैनलों की ज़रुरत होगी।

ज़्यादा तापमान वाले इलाकों में घरों को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर का इस्तेमाल काफ़ी होता है। लेकिन AC काफ़ी ज़्यादा बिजली की खपत करते हैं जिससे बिजली का बिल ज़्यादा आता है। ऐसे इलाकों में बिजली कटौती से कंडीशन और भी खराब हो सकती है क्योंकि बिजली जाने पर AC काम करना बंद कर देते हैं जिससे नागिरकों को काफी परेशानी होती है।

1-टन AC चलाने पर बिजली का खर्च

1-टन के AC को चलाने में कितना खर्चा आता है, पूरी जानकारी लें
Source: Vox

घर में 1-टन AC चलाने पर बिजली का बिल प्रतिदिन ₹100 से ₹150 के बीच हो सकता है। मार्च की शुरुआत से ही गर्मी बढ़ने लगती है और सितंबर तक रहती है, इस दौरान लोग AC का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं जिससे बिजली का बिल ज़्यादा आता है। गर्मियों के दौरान बिजली की बढ़ती कॉस्ट को कम करने के लिए सोलर सिस्टम लगाना एक कारगर उपाय है। इससे न सिर्फ़ बिजली के बिल में बचत होती है बल्कि बिजली कटौती की समस्या भी हल हो जाती है। आप ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम, ऑफ़-ग्रिड सोलर सिस्टम या हाइब्रिड सोलर सिस्टम चुन सकते हैं जो बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं।

मोटर वाटर पंप चलाने के लिए आपको 3-किलोवाट सोलर सिस्टम की आवश्यकता होगी। वहीँ एयर कंडीशनर चलाने के लिए आपको लगभग 5kW सोलर पैनल सिस्टम की आवश्यकता होती है। यह कैपेसिटी सुनिश्चित करती है कि आप अपने AC के साथ-साथ अन्य उपकरणों को भी आसानी से चला सकें।

सोलर सिस्टम के टाइप जानिए

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम:

इसे ग्रिड-टाइड सोलर सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है यह आपके नेट मीटर से जुड़ा होता है। यह घरों और व्यवसायों के लिए सबसे आम और एफ्फिसिएंट सोलर सिस्टम है।

ऑफ़-ग्रिड सोलर सिस्टम:

इस सिस्टम के लिए सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी की ज़रूरत होती है। यह सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करके बिजली पैदा करता है और इसे बैटरी में स्टोर करता है। जब बिजली कट जाती है तो स्टोर की गई एनर्जी का इस्तेमाल आपके घर को बिजली देने के लिए किया जाता है।

हाइब्रिड सोलर सिस्टम:

यह सिस्टम बिजली के बिल को कम करता है और बिजली कटौती के दौरान बिजली उपलब्ध कराता है। यह ग्रिड और सोलर पैनल दोनों से बिजली खींचता है। हाइब्रिड सिस्टम ऑफ-ग्रिड और ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम का संयोजन है।

इंस्टालेशन कॉस्ट

एक 5kW सोलर सिस्टम लगाने में लगभग ₹5,00,000 का खर्च आता है। आप कम क्षमता वाले सोलर पैनल चुनकर इस कॉस्ट को कम कर सकते हैं। इसके अलावा कई प्रोवाइडर इन्वेस्टमेंट को ज्यादा मैनेजेबल बनाने के लिए मंथली EMI विकल्प भी देते हैं। इस सोलर सिस्टम से आप अपना AC पूरे दिन चला सकते हैं। लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए आपको बैटरी की कैपेसिटी बढ़ाने की ज़रूरत पड़ सकती है ताकि धूप न होने पर भी बिजली की कंटीन्यूअस सप्लाई हो सके। सोलर पैनल सिस्टम में इन्वेस्ट करके आप बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इससे आप अपने बिजली के बिलों को कम कर सकते हैं और बार-बार बिजली कटौती के दौरान भी स्टेबल पावर सप्लाई सुनिश्चित कर सकते हैं।

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