रेलवे के शेयर पहुंचे आसमान में
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण द्वारा अनाउंस के गए फाइनेंसियल इयर 2025 के बजट में रेलवे सेक्टर के लिए काफी अलोकेशन और योजनाएँ शामिल थीं। बजट में रेलवे पर बहुत ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया गया लेकिन पिछले फाइनेंसियल इयर की तुलना में अलोकेशन में हाइक देखी गई है। सीतारमण ने देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के इम्पोर्टेंस पर ज़ोर दिया है जिसे आने वाले फाइनेंसियल इयर के लिए सबसे ज़्यादा ध्यान देने वाले सेक्टर में से एक बताया गया है। सरकार ने रेलवे के लिए ₹2,62,200 करोड़ एलोकेट किए हैं।
रेलवे स्टेशनों का रीडेवेलोप्मेन्ट
भारतीय रेलवे हर दिन 20 मिलियन से ज्यादा पैसेंजर को ट्रांसपोर्ट करने में मदद करता है और पैसेंजर की बढ़ती संख्या ने मौजूदा रेलवे स्टेशनों पर दबाव डाला है जिससे अक्सर असुविधा होती है। इसे एड्रेस करने के लिए रेल मंत्री ने एयरपोर्ट के जैसे डिजाइन एप्रोच के साथ पैसेंजर सुविधाओं को बढ़ाने के लिए देश के 100 सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों के रीडेवेलोप्मेन्ट की अनाउंसमेंट की है।
डेली रेलवे लाइन एक्सपेंशन
बजट अनाउंसमें के बाद रेलवे मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण का ग्रेटिटयूड व्यक्त किया था। उन्होंने रेलवे सेफ्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर के एक्सपेंशन में हुई प्रोग्रेस पर प्रकाश डाला और कहा कि पिछले 10 साल में 31,180 किलोमीटर नई लाइन चालू की गई हैं। ट्रैक बिछाने की स्पीड 2014-15 में 4 किलोमीटर डेली से बढ़कर आज के समय में 14.4 किलोमीटर डेली हो गई है।
इलेक्ट्रिफिकेशन और फ्रेट टारगेट
बढ़ते कार्बन एमिशन से निपटने के लिए रेलवे लाइनों का एलेक्ट्रीफाई किया जा रहा है जिसकी टोटल लेंथ अब 41,655 किलोमीटर हो गई है और आगे एक्सपेंशन की योजना बनाई गई है। फ्रेट सेक्टर में भी रिकॉर्ड ग्रोथ देखी गई है। भारतीय रेलवे ने फाइनेंसियल इयर 2023-24 में 1,588 मीट्रिक टन फ्रेट का ट्रांसपोरशन किया है जो 2014-15 में 1,095 मीट्रिक टन था। टारगेट 2030 तक फ्रेट कैपेसिटी को 3,000 मीट्रिक टन तक बढ़ाना है जिसके लिए रेलवे लाइनों को दोगुना करना होगा।
इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी
कई इलाकों में चल रहे इन्डस्ट्रियलाइज़श का सपोर्ट करने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ-साथ नए हाईवे और एक्सप्रेसवे का कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है। कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए विशाखापत्तनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु और अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर जैसे कई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवेलप किए जा रहे हैं।
ये कॉरिडोर ईस्टर्न रीजन के शहरों के आर्थिक विकास को बढ़ाएंगे, साथ ही उनके तेजी से डेवेलोप करने के लिए अद्दितीओं फंड एलोकेट किया जाएगा। इसका टारगेट एनर्जी, मिनरल और सीमेंट से निपटने वाले बंदरगाहों से कनेक्टिविटी में सुधार करना है जिससे लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम होगी और रेलवे पैसेंजर को सेफ एक्सपीरियंस मिलेगा।
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