उदयपुर की यूनिवर्सिटी के छात्रों ने डेवलप किया पहला सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर, पूरी डिटेल्स जानिए

उदयपुर की यूनिवर्सिटी के छात्रों ने डेवलप किया पहला सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर

उदयपुर के तालाबों की सरफेस पर कचरा जमा होना एक आम समस्या बन गई है जिससे पानी की क्वालिटी एफेक्ट हो रही है और एक्वेटिक लाइफ के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस समस्या के जवाब में उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि और टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एक इनोवेटिव और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील सलूशन तैयार किया है।

सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर

उदयपुर की यूनिवर्सिटी के छात्रों ने डेवलप किया पहला सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर, पूरी डिटेल्स जानिए
Source: News18

जल बॉडीज को साफ रखने के लिए “सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर” नाम का सलूशन डेवेलोप किया गया था। इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा पहलू यह है कि इसके ऑपरेशन के लिए किसी इंसान के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इसे दूर से कंट्रोल किया जा सकता है जिससे क्लीनिंग प्रोसेस में इंसान की भागीदारी और उससे संबंधित जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

सोलर पावर से चलने वाला यह इक्विपमेंट न केवल रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करके सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि लेक की सरफेस मलबे से मुक्त रहे। इस प्रकार इकोसिस्टम की भी रक्षा होती है और इसके सभी निवासियों के लिए पानी की क्वालिटी में भी वृद्धि होती है।

यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा विकसित सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर

महाराणा प्रताप कृषि एवं टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. नवनीत अग्रवाल ने फाइनल ईयर के इंजीनियरिंग छात्रों हर्ष ओझा, शुभम पड़िहार, दीपक कुमावत और अक्षिता मुंद्रा द्वारा डेवेलप एक प्रोजेक्ट के बारे में डिटेल्स शेयर की हैं। इस प्रोजेक्ट को “सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर” नाम दिया गया है जिसे तालाब की सरफेस को मलबे से मुक्त रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

जानिए इस इक्विपमेंट के फीचर्स के बारे में

यह क्लीनर पूरी तरह से सोलर एनर्जी पर चलता है जिससे पेट्रोल या डीजल की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह न केवल ऑपरेशनल कॉस्ट को काफी कम करता है बल्कि पानी में केमिकल प्रदूषण को भी रोकता है जिससे यह पर्यावरण को को भी नुक्सान होने से बचता है। क्लीनिंग प्रोसेस के दौरान इंसान के हस्तक्षेप और संबंधित जोखिमों को कम करते हुए डिवाइस को दूर से कंट्रोल किया जा सकता है।

सोलर एनर्जी से चलने वाले इस क्लीनर का डेवलपमेंट सस्टेनेबल एनवायरनमेंट सलूशन में एक इम्पोर्टेन्ट एडवांसमेंट को रिप्रेजेंट करता है। रिन्यूएबल एनर्जी का लाभ उठाकर छात्रों ने वाटर बॉडीज की क्लीनलीनेस बनाए रखने के लिए एक एफ्फिसिएंट और कॉस्ट अफ्फेक्टिव तरीका बनाया है जिससे ज़कातिक इकोसिस्टम भी सुरक्षित रहता है।

सोलर पॉवर्ड लेक क्लीनर के में फीचर्स

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Source: The Better India

यह प्रोजेक्ट पर्यावरण को बिना प्रदूषित किए ऑपरेशन करने के लिए बनाई गई है, जो पूरी तरह से सोलर एनर्जी पर ऑपरेट होती है। सोलर एनर्जी का उपयोग करके, क्लीनर पेट्रोल या डीजल की नीड को ख़तम कर देता है जिससे पानी में केमिकल प्रदूषण का जोखिम कम हो जाता है और वहीँ ऑपरेशनल कॉस्ट भी कम होती है। इस लेक क्लीनर को रिमोट कंट्रोल के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है जिससे क्लीनिंग प्रोसेस में बिना इंसान के हस्तक्षेप के इसे उपयोग किया जा सकता है।

लेक क्लीनर के डिजाइनरों में से एक, हर्ष ओझा ने बताया कि यह उपकरण विशेष रूप से झीलों और तालाबों की सतहों को साफ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह तैरते हुए मलबे को एक ऑनबोर्ड कंटेनर में कलेक्ट करता है। क्लीनर की सोलर पावर सिस्टम की कैपेसिटी लगभग 3 से 4 घंटे है जो इसे लंबे समय तक सफाई करने में सक्षम बनाती है।

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