बजट 2024 में NPS में किए गए कई बदलाव
बजट 2024 ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कई बदलाव किए हैं जो विशेष रूप से एम्प्लायर कंट्रीब्यूशन और एम्प्लोयी सैलरी को एफेक्ट करते हैं। ये बदलाव एम्प्लायर और एम्प्लोयी दोनों के अपने रिटायरमेंट सेविंग्स और टैक्स प्लानिंग को मैनेज करने के तरीके को एफेक्ट करने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे NPS के बारे में और क्या क्या बदलाव हुए हैं इसमें बजट 2024 के दौरान।
एम्प्लायर कंट्रीब्यूशन बढ़ कर हुआ 14%
बजट 2024 में एक बड़ा बदलाव NPS में एम्प्लायर कंट्रीब्यूशन में इनक्रीस है। पहले, एम्प्लायर बेसिक सैलरी का 10% कंट्रीब्यूट करते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 14% कर दिया गया है। इस एडजस्टमेंट का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट सेविंग्स को बढ़ावा देना है लेकिन हाई कंट्रीब्यूशन की आवश्यकता के कारण यह उनके टेक-होम सैलरी को एफेक्ट कर सकता है।
सरकार की NPS स्कीम की पॉपुलरिटी
NPS योजना ने अपनी स्ट्रक्चर्ड सेविंग्स प्लान और टैक्स बेनिफिट के कारण पिछले कुछ सालों में काफी पॉपुलरिटी हासिल की है। इससे कर्मचारियों अपनी पेंशन के लिए बेसिक सैलरी का 10% कंट्रीब्यूट कर सकते हैं जो सरकार से 14% कंट्रीब्यूशन के बराबर है। यह कम्बाइंड कंट्रीब्यूशन कर्मचारियों को एक अच्छा रिटायरमेंट कार्पस बनाने में मदद करता है।
NPS के तहत टैक्स बेनिफिट्स
NPS में इन्वेस्ट करने से इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की कई सेक्शन के तहत कई टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं। सेक्शन 80CCD(1के तहत कर्मचारी अपने कंट्रीब्यूशन के लिए डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 80CCD(2) के तहत एम्प्लायर कंट्रीब्यूशन के लिए डिडक्शन भी किया जा सकता है। और सेक्शन 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक के कंट्रीब्यूशन के लिए एडिशनल डिडक्शन भी किया जा सकता है।
विथड्रॉल और पेंशन परचेस
मेट्योरिटी पर NPS एम्प्लोयी टोटल डिपाजिट अमाउंट का 60% तक टैक्स-फ्री निकाल सकते है। बचा हुआ 40% का उपयोग एनुअल खरीदने के लिए किया जाना चाहिए जिससे रिटायरमेंट व्यक्ति के लिए रेगुलर पेंशन बन सके। इस स्ट्रक्चर का उद्देश्य रिटायरमेंट के दौरान फाइनेंसियल स्टेबिलिटी प्रोवाइड करना है।
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